
Gallbladder cancer starts in the gallbladder, the small organ that stores bile; bile duct cancer (cholangiocarcinoma) begins in the tubes that carry bile from the liver to the intestine; both form tumors that can grow into nearby tissues and spread to lymph nodes or other organs.
पित्ताशय ( गॉलब्लैडर ) का कैंसर उस छोटे अंग पित्ताशय की अंदरूनी परत से शुरू होने वाला कैंसर है जो पित्त संग्रहीत करता है ; पित्त नली का कैंसर ( कोलान्जियोकार्सिनोमा ) लिवर से आंत तक पित्त ले जाने वाली नलियों की परत से शुरू होता है ; दोनों में ट्यूमर बनते हैं जो आस पास के ऊतकों में फैल सकते हैं और लिम्फ नोड या अन्य अंगों तक पहुंच सकते हैं।
পিত্তাশয় ( গলব্ল্যাডার ) ক্যান্সার হলো পিত্তসংগ্রহকারী ছোট অঙ্গ পিত্তাশয়ের ভেতরের স্তর থেকে শুরু হওয়া ক্যান্সার ; প্লাকাশয় বা বাইল ডাক্ট ক্যান্সার ( কলাঙ্গিওকার্সিনোমা ) হলো লিভার থেকে অন্ত্রের দিকে পিত্ত বহনকারী নালির স্তর থেকে শুরু হওয়া ক্যান্সার ; উভয় ক্ষেত্রেই টিউমার তৈরি হয়ে পাশে থাকা টিস্যুতে বাড়তে পারে এবং লিম্ফ নোড বা অন্য অঙ্গেও ছড়াতে পারে।
Early symptoms are often vague and include persistent pain or discomfort in the right upper abdomen, unexplained weight loss, nausea, loss of appetite, jaundice (yellowing of skin or eyes), pale stools, dark urine, and itching; advanced disease can cause worsening jaundice, abdominal swelling, fever, or a palpable mass.
प्रारंभिक लक्षण अक्सर अस्पष्ट होते हैं ; दाहिने ऊपरी पेट में लगातार दर्द या असुविधा , अनजाना वजन घटना , मतली , भूख कम होना , पीलापन ( त्वचा या आँखों का पीला होना ), फीका मल , गहरा मूत्र या खुज़ली हो सकती है ; बीमारी बढ़ने पर जॉन्डिस बिगड़ना , पेट में सूजन , बुखार या स्पर्शनीय गाँठ भी हो सकती है।
প্রাথমিকভাবে লক্ষণগুলো অস্পষ্ট থাকে ; ডান উপরের পেটের স্থায়ী ব্যথা বা অস্বস্তি , অজানা ওজন কমা , বমি বমি ভাব , ক্ষুধা কমে যাওয়া , পিত্তপাত ( চামড়া বা চোখ হলুদ হওয়া ), ফ্যাকাশে পায়খানা , গাঢ় প্রস্রাব বা চুলকানি দেখা যেতে পারে ; রোগ আগালে জন্ডিস খারাপ হওয়া , পেট ফুলে ওঠা , জ্বর বা স্পর্শযোগ্য উ্যাক ( গ্রন্থি / গাথা ) হতে পারে।
Risk rises with older age, longstanding gallbladder inflammation or gallstones, certain congenital bile duct conditions, primary sclerosing cholangitis, liver fluke infection in endemic areas, obesity, and some inherited disorders; many patients, however, have no clear risk factor.
जोखिम उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है , लंबे समय का पित्ताशय सूजन या पित्ताशय पथरी , कुछ जन्मजात पित्त नली की समस्याएं , प्राइमरी स्क्लेरोजिंग कोलैंगाइटिस , लिवर फ्लूक संक्रमण वाले क्षेत्र , मोटापा और कुछ आनुवंशिक स्थितियाँ जोखिम बढ़ाती हैं ; कई मामलों में स्पष्ट जोखिम कारक नहीं मिलता।
ঝুঁকি বাড়ে বয়স বাড়ার সঙ্গে , দীর্ঘমেয়াদি পিত্তাশয় প্রদাহ বা পিত্তপাথর থাকলে , কিছু জন্মগত পিত্তনালীর সমস্যা থাকলে , প্রাইমারি স্ক্লেরোজিং কলাঙ্গাইটিসে , লিভার ফ্লুক সংক্রমণযুক্ত এলাকায় , স্থূলতা ও কিছু বংশগত অবস্থায় ; তবু অনেক রোগীর ক্ষেত্রে নির্দিষ্ট ঝুঁকি থাকার প্রয়োজন হয় না।
Diagnosis starts with medical history and physical exam plus blood tests including liver function tests; imaging such as ultrasound, CT, MRI/MRCP identifies lesions, and confirmation is by tissue sampling using ERCP brush/biopsy, endoscopic ultrasound–guided biopsy, or percutaneous biopsy; staging scans show extent of disease.
रोग – निर्धारण चिकित्सीय इतिहास और शारीरिक परीक्षा से शुरू होता है और लिवर फंक्शन सहित रक्त परीक्षण किए जाते हैं ; अल्ट्रासोनोग्राफी , CT या MRI/MRCP जैसी इमेजिंग दोषों का पता लगाती है , और ERCP ब्रश / बायोपसी , एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शित बायोपसी या पर्क्यूटेनियस बायोपसी से टिश्यू परीक्षण कर पुष्टि की जाती है ; स्टेजिंग स्कैन यह दिखाते हैं कि कैंसर कितना फैला है।
রোগ – নির্ধারণ শুরু হয় চিকিৎসগত ইতিহাস ও শারীরিক পরীক্ষার মাধ্যমে এবং লিভার ফাংশনসহ রক্তপরীক্ষা করা হয় ; আল্ট্রাসাউন্ড , CT বা MRI/MRCP মত ইমেজিং দ্বারা লিভার ও বাইল ট্রাক্টের পরিবর্তন ধরা পড়ে , এবং ERCP ব্রাশ / বায়োপসি , এন্ডোস্কোপিক আল্ট্রাসাউন্ড নির্দেশিত বায়োপসি বা পেরকিউটেনিয়াস বায়োপসি দিয়ে টিস্যু পরীক্ষা করে নিশ্চিত করা হয় ; স্টেজিং স্ক্যান নির্ণয় করে ক্যান্সার কতটুকু ছড়িয়েছে তা দেখায়।
Treatment depends on tumor type, location, and stage: early, resectable disease may be cured by surgery (cholecystectomy or bileduct and liver resection); unresectable or advanced disease is managed with systemic chemotherapy, targeted or immunotherapies when appropriate, and palliative procedures (biliary stenting or drainage) to relieve symptoms.
इलाज ट्यूमर के प्रकार , स्थान और स्टेज पर निर्भर करता है ; प्रारम्भिक और ऑपरेबल रोगों में क्यूरेटिव सर्जरी ( कॉलिसिस्टेक्टॉमी या पित्त नली व लिवर के हिस्से की कटाई ) से इलाज संभव है ; अपच्य या उन्नत रोग में प्रणालीगत कीमोथेरापी , उपयुक्त मामलों में टार्गेटेड या इम्यूनोथेरापी दी जाती है और लक्षणों को कम करने के लिए बायलेरी स्टेंट या ड्रेनेज जैसी पल्लिएटिव प्रक्रियाएँ की जाती हैं।
চিকিৎসা টিউমারের ধরন , অবস্থান ও স্তরের ওপর নির্ভর করে ; প্রারম্ভিক এবং কাটা যায় এমন কেসে কিউরেটিভ সার্জারি ( চোলেসিস্টেকটোমি বা বাইল ডাক্ট ও লিভারের অংশ কেটে ফেলা ) করা হয় ; অপারেবল নয় বা অগ্রগামী ক্ষেত্রে সিস্টেমিক কেমোথেরাপি , উপযুক্ত হলে টার্গেটেড বা ইমিউনোথেরাপি দেওয়া হয় এবং যন্ত্রণা বা জন্ডিস লাঘবের জন্য বাইলারি স্টেন্ট বা ড্রেনেজের মতো প্যালিয়েটিভ পদ্ধতি প্রয়োগ করা হয়।
Prognosis depends mainly on stage and whether complete surgical removal is possible; early resected tumors have the best outcomes. Followup includes regular clinic visits, liver function tests, periodic imaging, and symptomdirected care to preserve bile flow and quality of life.
रोग का परिणाम मुख्यतः रोग – निर्धारण के चरण और पूर्ण शल्यचिकित्सीय निकालने ( रिमूवल ) की संभावना पर निर्भर करती है ; जल्दी पकड़े गए और पूरी तरह हटाए गए ट्यूमर में परिणाम बेहतर होते हैं। फॉलो अप में नियमित क्लिनिक विज़िट , लिवर फंक्शन टेस्ट , समय समय पर इमेजिंग और लक्ष्णानुकूल देखभाल शामिल होती है ताकि पित्त प्रवाह बरकरार रहे और जीवन गुणवत्ता बनी रहे।
ভবিষ্যৎ প্রধানত নির্ভর করে রোগ – নির্ধারণের স্তর এবং সম্পূর্ণ সার্জিক্যাল রিমুভাল সম্ভব কিনা ; প্রারম্ভিক সময়ে পুরোপুরি কেটে ফেলা হলে ফলভাগ ভাল হয়। ফলো আপে নিয়মিত ক্লিনিক পরিদর্শন , লিভার ফাংশন টেস্ট , সময়ে সময়ে ইমেজিং এবং লক্ষণভিত্তিক যত্ন রাখা হয় যাতে পিত্তস্রাব বজায় থাকে এবং জীবনমান রক্ষা করা যায়।